उत्तर प्रदेश सरकार | उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम - गुणवत्ता एवं समृद्धि का प्रतीक

श्री योगी आदित्यनाथ

माननीय मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश

श्री सूर्य प्रताप शाही

माननीय कृषि मंत्री, उत्तर प्रदेश

श्री बलदेव सिंह औलख

माननीय राज्य मंत्री कृषि

श्री रविन्द्र

प्रमुख सचिव (कृषि)/ अध्यक्ष उ0प्र0 बीज विकास निगम

श्री राजेश्वर सिंह

उपाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश बीज
विकास निगम

डॉ0 पंकज त्रिपाठी

प्रबंध निदेशक, उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम

उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

भारत में 70% अधिक जनसंख्या कृषि पर निर्भर करती है, जबकि कृषि योग्य भूमि विश्व की कुल कृषि योग्य भूमि के सापेक्ष लगभग 40 प्रतिशत है। स्पष्ट है कि प्रति व्यक्ति कृषि योग्य भूमि की उपलब्धता विश्व के विकसित राष्ट्रों की तुलना में बहुत कम है। अतः देश को खाद्यान्न में स्वावलम्बी होने के लिए प्रति हेक्टेयर उत्पादन एवं उत्पादकता में बृद्धि करना नितान्त आवश्यक है। उत्पादन एवं उत्पादकता में बृद्धि के लिए कृषि निवेशों की अह्म भूमिका होती है, जिसमें से बीज एक महत्वपूर्ण निवेश है | वैज्ञानिक अनुसंधानों से विदित होता है कि 15-20 प्रतिशत की उत्पादन में वृद्धि उच्च गुणवत्तायुक्त बीजों के उपयोग से होती है। हरित क्रान्ति के पश्चात् यह आवश्यक हो गया था कि देश की कृषि संस्थाएं उच्च गुणवत्तायुक्त बीजों का उत्पादन कर कृषकों को उपलब्ध करायें। उत्तर प्रदेश राज्य के विभाजन से पूर्व बीजो की आपूर्ति हेतु उत्तर प्रदेश एवं तराई विकास निगम का मुख्यालय पंतनगर में स्थापित था

बीज उत्पादन कार्यक्रम

उत्पादन में बृद्धि के लिए कृषि निवेशों की अह्म भूमिका होती है

बीज विधायन

उत्तर प्रदेश राज्य के विभाजन से पूर्व बीजो की आपूर्ति हेतु

बीज उत्पादन तकनीकी

उत्पादकता में बृद्धि के लिए कृषि निवेशों की अह्म भूमिका होती है

बीज विपणन

गुणवत्तायुक्त बीजों का उत्पादन कर कृषकों को उपलब्ध करायें

मौसम के अनुसार उपयुक्त बीज

गेहूँ
मसूर
मटर
चना
अलसी
राई
जौ
उड़द
मटर
चना
अलसी
गेहूँ
राई
जौ
मसूर
उड़द
राई
मसूर
अलसी
मटर
चना
गेहूँ
जौ
उड़द
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महत्वपूर्ण सूचनाएँ

क्षेत्रीय कार्यालय

Tooltip

परियोजना

जालौन-उरई परियोजना

  • प्लांट ऑफिस
  • प्रोजेक्ट ऑफिस
  • लैब
  • चिरगांव (झांसी)
  • उरई (जालौन)

ई-टेंडर

किसान पंजीकरण के लाभ

  • किसान रजिस्‍ट्री होने पर उनके नंबर को संबंधित ऐप पर डालकर उसका पूरा विवरण देखा जा सकेगा।
  • लाभार्थियों का सत्‍यापन, कृषि उत्‍पाद के विपणन और अन्‍य वित्‍तीय मामलों में सहूलियत रहेगी।
  • छोटे और सीमांत किसान पीएमकेएसएनवाई के लिए पात्र हैं।
  • प्रत्येक राज्य सरकार को PMKSNY के नोडल अधिकारी नामित करने होंगे। व्यक्ति इस योजना के लिए पंजीकरण कराने के लिए उनसे संपर्क कर सकते हैं।
  • पात्र किसान पंजीकरण के लिए स्थानीय पटवारी या राजस्व अधिकारी से भी संपर्क कर सकते हैं।
  • इस योजना में सामान्य सेवा केन्द्रों (सीएससी) के माध्यम से भी शुल्क देकर नामांकन कराया जा सकता है।
  • जिन किसान परिवारों के पास कृषि योग्य भूमि है, वे इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • लाभार्थी भारतीय नागरिक होना चाहिए।

किसान पंजीकरण फ़ार्म

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भारत में 70% अधिक जनसंख्या कृषि पर निर्भर करती है, जबकि कृषि योग्य भूमि विश्व की कुल कृषि योग्य भूमि के सापेक्ष लगभग 40 प्रतिशत है। स्पष्ट है कि प्रति व्यक्ति कृषि योग्य भूमि की उपलब्धता विश्व के विकसित राष्ट्रों की तुलना में बहुत कम है।

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